भाभी का बदला
- jay
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Re: भाभी का बदला
nice update bhai
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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- Kamini
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Re: भाभी का बदला
Mast update
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हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
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- Dolly sharma
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Re: भाभी का बदला
nice update .............wating next
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
भाभी मुझे धक्के पे धक्के दिया जा रही थी। मैं झड़ने ही वाली थी की अचानक भाभी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
मैं भाभी को देखते हुए बोली-क्या हुआ मालकिन, रुक क्यों गई? बाहर क्यों निकाल लिया?”
भाभी बोली-“मेरी रंडी ननद, अब बोलो की कुतिया रंडी कौन? मैं या तू ?”
तो मैं समझ गई की साली बदला ले रही है। मैं बोली-“प्लीज़ मालकिन, घुसा दो ना लण्ड चूत में…”
भाभी बोली-“बोल मैं रंडी हूँ …”
मैं बोली-“मैं हूँ कुतिया, मैं रंडी हूँ आपकी, आप मेरी मालकिन हो…”
भाभी खुश हो गई और बोली-“बोल साली… मेरी माँ रंडी है…”
मैं बोली-“मेरी माँ रंडी है, चुदवाती है दूसरों से…”
भाभी बोली-“आज के बाद त मेरी रंडी है, जब कहूँगी जो कहूँगी करेगी, और घर में मेरे सामने नंगी रहेगी। मेरे यार से जब मैं चुदुन्गी तो उसका लण्ड चूस कर सॉफ करेगी…”
मैं बोली-“आप जो कहोगी करूंगी, पर प्लीज़ अभी मुझे चोदो…”
फिर भाभी ने लण्ड दोबारा घुसा दिया और धक्के देने लगी। मैं इतनी गरम थी कि भाभी से बोली-“भाभी चोदो मुझे… हाँ और तेज मालकिन… अऔह्ह… अम्म्म्म… मेरी भाभी मालकिन आह्ह… और घुसाओ ना फाड़ दो मेरी चूत , बना दो मुझे रांड़… मैं आपकी कुतिया हूँ … चोदो अपनी कुतिया रन्डी को…”
भाभी मेरी चुची को जोर-जोर से रगड़ने लगी।
मैं बस-“ओह्ह… ह्म् म्म्म…” और मैं अकड़ गई-“ऊह्ह भाभी मालकिन मेरी छूट गई ओह्ह… माँ ऽ” और मैं झड़ गई और जोर-जोर से हाँफने लगी।
भाभी मुझे अभी भी चोदे जा रही थी और उनका प्लास्टिक का लण्ड फच-फच फक-फक की आवाज के साथ अंदर बाहर हो रहा था। फिर भाभी ने लण्ड निकाला और मेरी टांगों को चौड़ा करके मेरी चूत का रस चाटने लगी और बोली-“रंडी क्या टेस्टी है तेरी कुँवारी चूत का रस… ले रांड़ तू टेस्ट कर अपनी चूत का रस…” कहकर दो उंगली चूत में घुसाकर गीला करके मेरे मुँह में दे दी।
मैं भाभी की उंगली चूस ने लगी। मुझे बहुत मजा आया अपनी चूत का रस पीकर। भाभी ने लण्ड खोला और मुझे दे दिया। मैं उसे देखकर खुश हो गई। क्योंकि वो गीला था तो मैं मुँह में लेकर चाटने लगी ‘म्म उह्ह’ और नीचे भाभी मेरी चूत चाट-चाटकर सॉफ कर रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे छोड़ दिया। टाइम देखा तो 4:00 बज रहे थे। मोम 6:00 बजे आती हैं।
मैं बस सोफे पे पड़ी थी और भाभी नीचे चूत चाट रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे खड़ा किया और बोली-“रंडी तेरा तो हो गया, मेरी चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा?”
मैं बोली-“क्या करूं?”
भाभी बोली-“जैसे मैंने तुझे चोदा वैसे तू मुझे चोद…”
मेरे में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी तो मैं बोली-“भाभी, मुझसे नहीं होगा…”
भाभी बोली-“चल साली रंडी, कुतिया माँ की लौड़ी, भाई भी गान्ड है साला और बहन भी… बस दोनों को लण्ड चाहिए, तुझे चूत में और तेरे भाभी को गाण्ड में… और तेरी माँ तुम दोनों से बड़ी छिनाल रंडी है साली, उसको भी लण्ड चाहिए…”
मैं बोली-“मैंने कभी नहीं किया ऐसा…”
भाभी बोली-“चुपचाप वो लण्ड उठा, जैसे मैंने बांध रखा था बांध ले… नहीं तो अभी तो सिर्फ़ चूत फटी है तेरी, मैं अभी गाण्ड भी फाड़ दूँगी रंडी…”
मैं डर गई और फट से लण्ड बांध लिया और मैं खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी, लड़खड़ा गई और गिर गई। भाभी ने मेरे बाल पकड़े और अपनी चूत पर मेरा मुँह दबा दिया और बोली-“रंडी चाट इसे…”
मैं चाटने लगी। कुछ देर ऐसे ही भाभी की चूत चाटती रही बैठी-बैठी ताकि कुछ आराम मिले। पर भाभी तो गरम हो रही थी, उसे लण्ड चाहिए था। मैं मरती क्या ना करती मैं खड़ी हुई, और भाभी से बोली-“मालकिन, क्या मुझे थोड़ी सी ड्रिंक मिलेगी?”
भाभी बोली-“रंडी जा पी ले…”
मैंने एक गिलास में डालकर पी ली और वापस भाभी के पास आ गई। भाभी सोफे पर लेट गई और अपनी टांगे उँची करके बोली-“ले साली कुतिया घुसा और शुरू हो जा, नहीं तो तेरी गाण्ड भी इसी लण्ड से फाड़ दूँगी …”
मैंने भाभी की चूत पर लण्ड टिका या और धीरे-धीरे घुसाने लगी, पर कोई अनुभव नहीं था तो लण्ड चूत में नहीं घुसा पाई। भाभी ने मुझे उल्टा पटका और लण्ड को सीधा करके उसके ऊपर बैठ गई। मैं अब नीचे लेटी थी और प्लास्टिक का लण्ड भाभी की चूत में घुस गया था, और भाभी खुद ही उस लण्ड को अपनी चूत में लेने लगी। मेरी रंडी भाभी बड़ी कमाल लग रही थी, साली उछल-उछलकर लण्ड चूत में ले रही थी। मैं बस नीचे पड़ी हुई थी, उसका हर झटका मेरी चूत पर पर टकरा रहा था, जिससे मेरी चूत का दाना रगड़ रहा था।
फिर भाभी दो मिनट तक ऐसे ही उछलती रही और मेरी चुची को अपने हाथों में लेकर खेलती रही और मुझे गालियाँ दे रही थी-“हाँ रंडी, माँ की लौड़ी कुतिया साली, अपनी गाण्ड उठा नीचे से और चोद अपनी मालकिन को…”
मैं बस पड़ी थी। भाभी खड़ी हो गई तो उनकी चूत से लण्ड ‘फक’ की आवाज से बाहर आ गया और और मुझसे बोली-“चल खड़ी हो जा कुतिया…”
फिर मुझे बेड पर ले गई मुझे, खुद लेट गई और अपनी टांगे चौड़ी कर दी और मुझे बोली-“ले रंडी चाट मेरी चूत को…”
मैंने चाटना शुरू किया तो भाभी सिसिया पड़ी-“ओह्ह… सालीई कुतिया मादरचोद रांड़ भैन की लौड़ी चाट अपनी मालकिन की चूत …” और मुझे लण्ड घुसाने को बोली।
मैंने लण्ड चूत पर टिका या और भाभी ने मदद की और चूत में ले लिया। फिर मुझसे बोली-“चोद मुझे इससे…”
मैं झटके देने लगी ऊपर से। भाभी ने मुझे अपनी टांगों से मेरी गाण्ड पर कस लिया और मुझे जोर-जोर से झटके देने को बोली।
उसके बाद मैं झटके देने लगी। भाभी तो बस फुल मूड में थी वो-“अह्ह… अम्म्म्म… जोर से साली ओह्ह माँ ऽ कुतिया रंडी, फाड़ अपनी भाभी मालकिन की चूत …” कहकर चुदवा रही थी।
मैं बस झटके पे झटके दिए जा रही थी, 5 मिनट में मेरी हालत खराब हो गई।
भाभी-“ओह्ह… रंडी मेरी ननद कुतिया औह्ह माँ ऽ और चोदो मुझे, मालकिन की चूत फाड़ दे आज ओह्ह… मालकिन की चूत भोसड़ी की चोद मुझे… हाँ और जोर से नामर्द की भैन…” और भाभी की सांसें हिल ने लगी। फिर भाभी एक झटके के साथ चिल्लाई-“आऽऽ मैं गई रन्डी…” और भाभी झड़ गई और मुझे कसकर पकड़ लिया और झड़ गई।
मैं भी उनके ऊपर लेट गई। 10 मिनट तक मैं और भाभी ऐसे ही पड़े रहे।
मैं भाभी को देखते हुए बोली-क्या हुआ मालकिन, रुक क्यों गई? बाहर क्यों निकाल लिया?”
भाभी बोली-“मेरी रंडी ननद, अब बोलो की कुतिया रंडी कौन? मैं या तू ?”
तो मैं समझ गई की साली बदला ले रही है। मैं बोली-“प्लीज़ मालकिन, घुसा दो ना लण्ड चूत में…”
भाभी बोली-“बोल मैं रंडी हूँ …”
मैं बोली-“मैं हूँ कुतिया, मैं रंडी हूँ आपकी, आप मेरी मालकिन हो…”
भाभी खुश हो गई और बोली-“बोल साली… मेरी माँ रंडी है…”
मैं बोली-“मेरी माँ रंडी है, चुदवाती है दूसरों से…”
भाभी बोली-“आज के बाद त मेरी रंडी है, जब कहूँगी जो कहूँगी करेगी, और घर में मेरे सामने नंगी रहेगी। मेरे यार से जब मैं चुदुन्गी तो उसका लण्ड चूस कर सॉफ करेगी…”
मैं बोली-“आप जो कहोगी करूंगी, पर प्लीज़ अभी मुझे चोदो…”
फिर भाभी ने लण्ड दोबारा घुसा दिया और धक्के देने लगी। मैं इतनी गरम थी कि भाभी से बोली-“भाभी चोदो मुझे… हाँ और तेज मालकिन… अऔह्ह… अम्म्म्म… मेरी भाभी मालकिन आह्ह… और घुसाओ ना फाड़ दो मेरी चूत , बना दो मुझे रांड़… मैं आपकी कुतिया हूँ … चोदो अपनी कुतिया रन्डी को…”
भाभी मेरी चुची को जोर-जोर से रगड़ने लगी।
मैं बस-“ओह्ह… ह्म् म्म्म…” और मैं अकड़ गई-“ऊह्ह भाभी मालकिन मेरी छूट गई ओह्ह… माँ ऽ” और मैं झड़ गई और जोर-जोर से हाँफने लगी।
भाभी मुझे अभी भी चोदे जा रही थी और उनका प्लास्टिक का लण्ड फच-फच फक-फक की आवाज के साथ अंदर बाहर हो रहा था। फिर भाभी ने लण्ड निकाला और मेरी टांगों को चौड़ा करके मेरी चूत का रस चाटने लगी और बोली-“रंडी क्या टेस्टी है तेरी कुँवारी चूत का रस… ले रांड़ तू टेस्ट कर अपनी चूत का रस…” कहकर दो उंगली चूत में घुसाकर गीला करके मेरे मुँह में दे दी।
मैं भाभी की उंगली चूस ने लगी। मुझे बहुत मजा आया अपनी चूत का रस पीकर। भाभी ने लण्ड खोला और मुझे दे दिया। मैं उसे देखकर खुश हो गई। क्योंकि वो गीला था तो मैं मुँह में लेकर चाटने लगी ‘म्म उह्ह’ और नीचे भाभी मेरी चूत चाट-चाटकर सॉफ कर रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे छोड़ दिया। टाइम देखा तो 4:00 बज रहे थे। मोम 6:00 बजे आती हैं।
मैं बस सोफे पे पड़ी थी और भाभी नीचे चूत चाट रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे खड़ा किया और बोली-“रंडी तेरा तो हो गया, मेरी चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा?”
मैं बोली-“क्या करूं?”
भाभी बोली-“जैसे मैंने तुझे चोदा वैसे तू मुझे चोद…”
मेरे में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी तो मैं बोली-“भाभी, मुझसे नहीं होगा…”
भाभी बोली-“चल साली रंडी, कुतिया माँ की लौड़ी, भाई भी गान्ड है साला और बहन भी… बस दोनों को लण्ड चाहिए, तुझे चूत में और तेरे भाभी को गाण्ड में… और तेरी माँ तुम दोनों से बड़ी छिनाल रंडी है साली, उसको भी लण्ड चाहिए…”
मैं बोली-“मैंने कभी नहीं किया ऐसा…”
भाभी बोली-“चुपचाप वो लण्ड उठा, जैसे मैंने बांध रखा था बांध ले… नहीं तो अभी तो सिर्फ़ चूत फटी है तेरी, मैं अभी गाण्ड भी फाड़ दूँगी रंडी…”
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मैं चाटने लगी। कुछ देर ऐसे ही भाभी की चूत चाटती रही बैठी-बैठी ताकि कुछ आराम मिले। पर भाभी तो गरम हो रही थी, उसे लण्ड चाहिए था। मैं मरती क्या ना करती मैं खड़ी हुई, और भाभी से बोली-“मालकिन, क्या मुझे थोड़ी सी ड्रिंक मिलेगी?”
भाभी बोली-“रंडी जा पी ले…”
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मैंने भाभी की चूत पर लण्ड टिका या और धीरे-धीरे घुसाने लगी, पर कोई अनुभव नहीं था तो लण्ड चूत में नहीं घुसा पाई। भाभी ने मुझे उल्टा पटका और लण्ड को सीधा करके उसके ऊपर बैठ गई। मैं अब नीचे लेटी थी और प्लास्टिक का लण्ड भाभी की चूत में घुस गया था, और भाभी खुद ही उस लण्ड को अपनी चूत में लेने लगी। मेरी रंडी भाभी बड़ी कमाल लग रही थी, साली उछल-उछलकर लण्ड चूत में ले रही थी। मैं बस नीचे पड़ी हुई थी, उसका हर झटका मेरी चूत पर पर टकरा रहा था, जिससे मेरी चूत का दाना रगड़ रहा था।
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मैंने चाटना शुरू किया तो भाभी सिसिया पड़ी-“ओह्ह… सालीई कुतिया मादरचोद रांड़ भैन की लौड़ी चाट अपनी मालकिन की चूत …” और मुझे लण्ड घुसाने को बोली।
मैंने लण्ड चूत पर टिका या और भाभी ने मदद की और चूत में ले लिया। फिर मुझसे बोली-“चोद मुझे इससे…”
मैं झटके देने लगी ऊपर से। भाभी ने मुझे अपनी टांगों से मेरी गाण्ड पर कस लिया और मुझे जोर-जोर से झटके देने को बोली।
उसके बाद मैं झटके देने लगी। भाभी तो बस फुल मूड में थी वो-“अह्ह… अम्म्म्म… जोर से साली ओह्ह माँ ऽ कुतिया रंडी, फाड़ अपनी भाभी मालकिन की चूत …” कहकर चुदवा रही थी।
मैं बस झटके पे झटके दिए जा रही थी, 5 मिनट में मेरी हालत खराब हो गई।
भाभी-“ओह्ह… रंडी मेरी ननद कुतिया औह्ह माँ ऽ और चोदो मुझे, मालकिन की चूत फाड़ दे आज ओह्ह… मालकिन की चूत भोसड़ी की चोद मुझे… हाँ और जोर से नामर्द की भैन…” और भाभी की सांसें हिल ने लगी। फिर भाभी एक झटके के साथ चिल्लाई-“आऽऽ मैं गई रन्डी…” और भाभी झड़ गई और मुझे कसकर पकड़ लिया और झड़ गई।
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
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- Joined: 18 Dec 2014 12:09
Re: भाभी का बदला
Superb........
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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बन्धन
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