Adultery ओह माय फ़किंग गॉड
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Re: ओह माय फ़किंग गॉड
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: ओह माय फ़किंग गॉड
Awesome Update ....
Lovely update.
Very nice update
Excellent update bhai
Waiting for next update
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Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
प्रीत की ख्वाहिश ....अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) ....
कमसिन बहन .... साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ.... द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}by rocksanna .... अनौखी दुनियाँ चूत लंड की .......क़त्ल एक हसीना का
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Re: ओह माय फ़किंग गॉड
बहुत ही बढ़िया अपडेट..
- rajsharma
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Re: ओह माय फ़किंग गॉड
साथ बने रहने के लिए धन्यवाद दोस्तो
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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- rajsharma
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Re: ओह माय फ़किंग गॉड
मैं काफी थका हुआ था लेकिन आज का दिन ही मैं सोमलता को अपने घर में रख सकता था. कल से फिर कोई और उपाय लगाना पड़ेगा. मेरे लिंग से तेज सनसनी के साथ हल्की जलन हो रही थी. मैंने लिंग को देखा तो वह रगड़ खाकर लाल हो गया था. मैं बाथरूम की और चला. बाथरूम के पास जाकर देखा की सोमलता नंगी आदमकद शीशे के सामने खड़ी होकर पुरी ध्यान के साथ अपने बदन को निहार रही है.
मैं दरवाजे के पीछे छिपकर देखने लगा. वह हल्की मुस्कराहट के साथ बदन का मुयायना कर रही थी साथ में स्तन से लेकर जांघो को ऊपर से निचे सहला रही थी. आज पहली बार मैंने उसको इतना खुलकर मुस्कुराते देखा था. बदन से वह अपनी उम्र से 5-7 साल छोटी लग रही थी. मैं धीरे –धीरे उसके पीछे गया और कमर को पकड़ कर उसकी गर्दन चूमने लगा.
मेरे अचानक आने से वह शरमा गयी और नज़रें झुका के बोली – “बाबु, तंग मत करो. मुझे अच्छा नहीं लगता.”
मैंने उसको अपनी तरफ लाकर उसकी गालो को हथेलियों में भर चेहरे को उठाकर पूछा – “अच्छा, क्या-क्या हमने अच्छा नहीं लगता. मैं अच्छा लगता हूँ? मेरा प्यार अच्छा लगता है? और मेरा लंड?”
वह थोड़ा उदास होकर बोली – “बाबु, मुझे तुम्हारा सब कुछ अच्छा लगता है लेकिन यह कब तक चलेगा? कल से फिर मैं मजदूरी करुँगी और तुम बाहर अपने दुनिया में रम जाओगे.”
मैंने उसकी छाती को अपने से चिपकाकर कहा – “नहीं रानी, ऐसा नहीं होगा. हम भले दूर रहे, लेकिन हमेशा मिलते रहेंगे और इसी तरह मिलते रहेंगे.” उसकी बालो को सहलाते हुए मैंने बड़े प्यार से वादा किया था.
वह आखों में उम्मीद लाकर कही – “सच?”
मैं उसको चुमते हुए बोला – “बिल्कुल सच, अब चलो बाहर कमरे में चलते है.” वह अपना सर मेरे कंधे में रखकर मेरी कमर को पकड़ते हुए मेरे साथ बाहर आ गयी.
हम दोनों कमरे में अगल-बगल लेट गए. सोमलता मेरे सीने में सर रखकर मेरी छाती के बालो से खेलने लगी. बोली – “बाबु, तुम शादी कब करोगे?”
मैं गहरी साँस लेकर कहा – “पता नहीं. कोई अच्छी लड़की भी तो मिलनी चाहिए.”
वह भी गंभीर हो बोली – “”हाँ. बात तो सही है!”
मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए पूछा – “अच्छा तुम मजदूरी छोड़ और कोई काम नहीं कर सकती हो?”
वह उदास लहजे में बोली – “कोई काम आता भी नहीं है.”
मैं बोला – “सुनो, मेरे एक दोस्त की बीवी का ब्यूटी पार्लर है. मैं तुम्हे वहां काम पर लगा सकता हूँ, अगर तुम चाहो तो?”
वह सर घुमाकर मेरी और देखते हुए बोली – “वहां क्या काम करना होगा बाबु?”
मैं शरारती होते हुए बोला – “वोही जो मैं तुम्हारे लिया किया. औरतों के चूत और बगलों के बाल साफ़ करने होंगे.”
वह मेरी छाती पर हल्का चपत लगते हुए बोली – “धत बाबु, मुझे ऐसा गन्दा काम नहीं करना.”
मैंने कहा – “इसमें कौन सी गन्दगी है. कितनी लडकिया यह काम करती है. सोच लो तुम्हारा भी काम हो जायेगा.”
मेरी आँखों में आँखें डालकर बोली – “सच बोलो ना बाबु?”
मैंने हँसते हुए बालो को सहलाते हुए कहा – “आरे नहीं. वहां तुमको औरतों के बाल बनाने होंगे. नाख़ून बनाने होंगे. सजावट वगैरह का काम करना होगा. वैसे वो काम भी होता है.”
वह थोड़ा मायूस हो गयी. नज़र झुककर बोली – “लेकिन मुझे यह सारा काम नहीं आता है.”
उसको दोनों बांहों से कसकर पकड़ते हुए बोला – “तुम चिंता मत करों रानी. मेरी भाभी तुमको एक्सपर्ट बना देगी. कल मैं उससे बात करूँगा. अब बस तुम सिर्फ मेरे बारे में सोचो.”
वह शरमाकर मेरे छाती में माथा गड़ाकर बोली – “बाबु तुम बड़े वह हो” उसकी बातों पर मैं जोर से हंस दिया. हम एक दुसरे की बांहों में खोये रहे अगले एक घन्टे तक.
मैं दरवाजे के पीछे छिपकर देखने लगा. वह हल्की मुस्कराहट के साथ बदन का मुयायना कर रही थी साथ में स्तन से लेकर जांघो को ऊपर से निचे सहला रही थी. आज पहली बार मैंने उसको इतना खुलकर मुस्कुराते देखा था. बदन से वह अपनी उम्र से 5-7 साल छोटी लग रही थी. मैं धीरे –धीरे उसके पीछे गया और कमर को पकड़ कर उसकी गर्दन चूमने लगा.
मेरे अचानक आने से वह शरमा गयी और नज़रें झुका के बोली – “बाबु, तंग मत करो. मुझे अच्छा नहीं लगता.”
मैंने उसको अपनी तरफ लाकर उसकी गालो को हथेलियों में भर चेहरे को उठाकर पूछा – “अच्छा, क्या-क्या हमने अच्छा नहीं लगता. मैं अच्छा लगता हूँ? मेरा प्यार अच्छा लगता है? और मेरा लंड?”
वह थोड़ा उदास होकर बोली – “बाबु, मुझे तुम्हारा सब कुछ अच्छा लगता है लेकिन यह कब तक चलेगा? कल से फिर मैं मजदूरी करुँगी और तुम बाहर अपने दुनिया में रम जाओगे.”
मैंने उसकी छाती को अपने से चिपकाकर कहा – “नहीं रानी, ऐसा नहीं होगा. हम भले दूर रहे, लेकिन हमेशा मिलते रहेंगे और इसी तरह मिलते रहेंगे.” उसकी बालो को सहलाते हुए मैंने बड़े प्यार से वादा किया था.
वह आखों में उम्मीद लाकर कही – “सच?”
मैं उसको चुमते हुए बोला – “बिल्कुल सच, अब चलो बाहर कमरे में चलते है.” वह अपना सर मेरे कंधे में रखकर मेरी कमर को पकड़ते हुए मेरे साथ बाहर आ गयी.
हम दोनों कमरे में अगल-बगल लेट गए. सोमलता मेरे सीने में सर रखकर मेरी छाती के बालो से खेलने लगी. बोली – “बाबु, तुम शादी कब करोगे?”
मैं गहरी साँस लेकर कहा – “पता नहीं. कोई अच्छी लड़की भी तो मिलनी चाहिए.”
वह भी गंभीर हो बोली – “”हाँ. बात तो सही है!”
मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए पूछा – “अच्छा तुम मजदूरी छोड़ और कोई काम नहीं कर सकती हो?”
वह उदास लहजे में बोली – “कोई काम आता भी नहीं है.”
मैं बोला – “सुनो, मेरे एक दोस्त की बीवी का ब्यूटी पार्लर है. मैं तुम्हे वहां काम पर लगा सकता हूँ, अगर तुम चाहो तो?”
वह सर घुमाकर मेरी और देखते हुए बोली – “वहां क्या काम करना होगा बाबु?”
मैं शरारती होते हुए बोला – “वोही जो मैं तुम्हारे लिया किया. औरतों के चूत और बगलों के बाल साफ़ करने होंगे.”
वह मेरी छाती पर हल्का चपत लगते हुए बोली – “धत बाबु, मुझे ऐसा गन्दा काम नहीं करना.”
मैंने कहा – “इसमें कौन सी गन्दगी है. कितनी लडकिया यह काम करती है. सोच लो तुम्हारा भी काम हो जायेगा.”
मेरी आँखों में आँखें डालकर बोली – “सच बोलो ना बाबु?”
मैंने हँसते हुए बालो को सहलाते हुए कहा – “आरे नहीं. वहां तुमको औरतों के बाल बनाने होंगे. नाख़ून बनाने होंगे. सजावट वगैरह का काम करना होगा. वैसे वो काम भी होता है.”
वह थोड़ा मायूस हो गयी. नज़र झुककर बोली – “लेकिन मुझे यह सारा काम नहीं आता है.”
उसको दोनों बांहों से कसकर पकड़ते हुए बोला – “तुम चिंता मत करों रानी. मेरी भाभी तुमको एक्सपर्ट बना देगी. कल मैं उससे बात करूँगा. अब बस तुम सिर्फ मेरे बारे में सोचो.”
वह शरमाकर मेरे छाती में माथा गड़ाकर बोली – “बाबु तुम बड़े वह हो” उसकी बातों पर मैं जोर से हंस दिया. हम एक दुसरे की बांहों में खोये रहे अगले एक घन्टे तक.
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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